ऐसे बच्चों को अक्सर वर्ष के महीनों के नाम, पहाड़ा सीखने जैसे दीर्घकालिक मौखिक शिक्षण के साथ कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है;
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हम किसी विशेष प्रशिक्षण पद्वति को नहीं अपनाया1 उदाहरण केलिए मॉन्टसरी पद्वति में शिक्षण के उपस्करों का प्रयोग करते है1 लेकिन ये सब महंगे हैं तथा हमसे संभव नहीं है1 अतः हम चॉक, ब्लैक बोर्ड तथा मौखिक शिक्षण देते हैं सच कहा जाए तो, प्रि-स्कूल शिक्षण में बहुत ज्यादा शामिल हैं1 प्रत्येक बच्चे केलिए हमें समय देना है1 बच्चे को मानसिक बढावा तथा प्रोत्साहन की अधिक आवश्यकता है जो हम बच्चों को दे रहे हैं1 हमें ज्यादा प्रयास करना चाहिए1 पूरा विचार है कि बच्चों में अत्मनिर्भरता का विकास करना है1 अतः किसी अन्य से जयादा, मानसिक द्रष्टिकोण है1